बच्चो पर मोबाइल फ़ोन के हानिकारक प्रभाव – Harmful effects of mobile phones on children
आज कल के बच्चे हो या बड़े सभी को स्मार्ट फ़ोन की जरुरत और इसे इस्तेमाल भी करते है. बड़े तो स्मार्ट फ़ोन से कुछ कम या जरुरी बाते ही करते है, लेकिन बच्चे स्मार्ट फ़ोन का इस्तेमाल काम की वजए कुछ ऐसे काम करने में लगे रहते है. जिसमे लम्बे समय तक यूज करते रहते है, जैसे लम्बे समय तक बात करते रहते है या फिर गेम खेलते रहते है और काफी लंबे समय तक फ़ोन स्क्रीन पर देखते रहते है. वैसे फ़ोन बहुत ही उपयोगी है लेकिन इससे बच्चों पर कई तरह के साइड इफेक्ट्स पढ़ते है जिसके बारे में हम आज बात करेंगे.
आज का टाइम जहां इंटरनेट की दुनिया बच्चों के लिए एक ज्ञान का भंडार तो है. लेकिन क्या आपको पता है की बच्चे अब इंटरनेट पर ही आश्रित हो गए है. बच्चे आपने दिमाग की जगह फ़ोन का इस्तेमाल करते है. जब भी उन्हें टीचर से कोई होमवर्क मिलता है तो बच्चे अक्सर जल्दी की चक्कर में इंटरनेट से जबाब देते है और दिमाग नहीं लगाना चाहते है. इसके वजह से बच्चों की ब्रेन एक्टिविटी ठीक से नहीं हो पाती है.
जिससे शिक्षक कार्य में भी बाधा पहुंचती है, कुछ बच्चे स्कूल में भी फ़ोन लेकर जाते है, इससे उनका ध्यान फ़ोन पर ही लगा रहता है. जब भी उन्हें खाली समय मिलता है तो वो चैटिंग या गेम पर लग जाते है. इसके दौरान वे अपने क्लास में ध्यान नहीं देते है और टीचर ने क्या पढ़ाया वो उसका कोई ज्ञान नहीं रहता है.
स्मार्ट फ़ोन के वजह से बच्चे पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते है. आज कल के बच्चे अपने आप से करते क्या है की वो जल्दी के चक्कर में वे सवालो का जबाब या मैथ के फॉर्मूले ये सब स्मार्ट फ़ोन के इस्तेमाल से करते है. इससे सवाल के जबाब तो सही हो जाते है पर उनके दिमाग में कुछ नहीं आता क्यूंकि वे पढ़ नहीं वो देखकर छाप देते है. बच्चे महेनत नहीं कर रहे है, वे अधिक समय तक पढ़ नहीं पाते है. वे मैथ्स के प्रॉब्लम को खुद सॉल्व नहीं कर रहे है. मैथ्स के फॉर्मूले को याद नहीं कर रहे है, शार्ट कट के चक्कर में वे अपना दिमाग नहीं लगा रहे है. इस सारी समस्या के वजह स्मार्ट फ़ोन है.
स्मार्ट फ़ोन के वजह से बच्चे पूरी नींद नहीं ले पाते है, आप कहेंगे की ये कैसे अगर आप किसी बच्चे को स्मार्ट फ़ोन देते है तो वो सबसे पहले गेम खेलेंगे और कितनी देर खेलेंगे ये उन्हें भी पता नहीं होता. जब तक पेरेंट्स उन्हें न टोके, उसी तरह से वे फेसबुक, व्हाट्सप्प चैटिंग करना. इन सब के चक्कर में वे देर रात तक जगे रहते है और सुबह देर तक सोते रहते है. नींद पूरी न होने के वजह से वे स्कूल लेट पहुंचते है. इससे पढ़ाई में मन भी नहीं लगा पाते है. उन्हें स्कूल में नींद आने लगती है, वे थक हुए रहते है और इन सब की वजह से वे पढ़ाई में मन नहीं लगा पाते है. इन सारी प्रॉब्लम की वजह से उनका रिजल्ट भी ख़राब हो जाता है.
स्मार्ट फ़ोन की वजह से बच्चों में शाररिक और मानसिक समस्या भी उत्पन होने लगती है. जैसे ही बच्चो को स्मार्ट फ़ोन मिलता है वे अपने आपको एक कमरे में बंद कर लेते है और फ़ोन से चिपके रहते है. इससे वे बाहर की खुली हवा, धूप इस सब से वंचित रह जाते है. एक ही जगह बैठ कर मोबाइल पर टकटकी लगाए देखते रहते है और वे न कोई शाररिक गतिविधि करते है, जिसके कारण उन्हें आँखों की रौशनी में कमी, वजन का बढ़ना, डायबिटीज और भी कई तरह के बीमारियों के संपर्क में आने लगते है. और सेलफोन को वे जितनी देर तक अपने पास रखते है उससे निकलने वाले रेडिएशन बच्चो के मस्तिष्क के लिए बहुत ही घातक साबित होता है.
तो ये थे मोबाइल फ़ोन से होने वाले नकारात्मक प्रभाव. अगली बार जब आप बच्चों को मोबाइल फ़ोन दे तो ध्यान रखे की वो कितनी देर तक फ़ोन का इस्तेमाल कर रहे है.