चिंता के दुष्परिणाम
आज हम चिंता के विषय में बात करेंगे. चिंता का हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है. आप किसी बात या काम को लेकर अधिक सोचते है तो उससे उत्प्नन होता है. अगर आप कभी भी बहुत ज्यादा सोचते है तो आपकी नींद उड़ जाती है. आप अच्छे से सो नहीं पाते है. मानसिक और शारीरिक रूप से आप बीमार होने लगते है. अगर इस पे ध्यान न दे तो चिंता आपके शरीर को काफी नुकसान कर सकती है. इसलिए हमेशा आपको चिंता से बचने का उपाय करना चाहिए.
अब चिंता करने का क्या कारण हो सकता है. जैसे घरेलू समस्या, लड़ाई झगड़ा, बार बार किसी घटना का याद आना या किसी काम को लेकर बहुत ज्यादा परेशान होना.
इसके कुछ लक्षण भी होते है जैसे नींद न आना, सर में चक्कर आना, भूख न लगना, कमजोरी काम में ध्यान न लगना. ये सारे चिंता के कुछ लक्षण है.
अब हम चिंता से कैसे बचे.
सबसे पहले आप व्यायाम करे. व्यायाम आपको चिंता मुक्त रखने में मदद करेगा. दूसरा उपाय यह है की आप हमेशा खुश रहे और खुल के हंसना चाहिए. आप अच्छी नींद ले, अच्छी नींद लेने से आपका मन हल्का और तनाव से दूर रहता है. स्वस्थ आहार का प्रभाव हमारे शरीर पर तो पड़ता ही है साथ ही मानसिक स्वास्थ पर भी होता है और ये आपके चिंता को दूर करने में मदद करता है. शराब, धूम्रपान, कैफीन इन सबसे दूर रहना चाहिए. ये सारे नशीले प्रदार्थ आपको कैंसर जैसे जानलेवा बीमारी, तनाव और चिंता को बढ़ाने का काम कर सकते है. जिससे आपका मानसिक स्वास्थ पूरी तरह से बिगड़ सकता है. इसलिए हमे इन नशे की चीज़ों से दूर रहना चाहिए. चिंता का इलाज मनोचिकित्सक भावनात्मक रूप से करता है. चिंता से बाहर निकलने के लिए बहुत ही उपयोगी चिकित्सा है आराम.
आप अपने तनाव को दूर करने के इन उपायों को नियमित अपनाए. रात को सोने से पहले एक गिलास गुनगुने दूध में केसर मिलाकर पिये. चिंता से बचने के लिए आप बादाम के तेल का प्रयोग कर सकते है. इस तेल से मालिश करे.
चिंता को दूर करने में मालिश को बेहतर माना गया है. आपको रोज 1 गिलास गाजर का जूस पीना चाहिए. इससे भी आप चिंता मुक्त रहेंगे साथ ही आप जायफल का भी प्रयोग कर सकते है. जायफल में एंटीऑक्सिडेंट पाये जाते है, जो चिंता से बचाए रखता है.